दैणा होयां खोली का गणेशा, दैणा होयां मोरी का नारैण !
दैणा होयां भूमि का भुम्याल, दैणा होयां पंचनाम देवता !!
दैणा होयां भूमि का भुम्याल, दैणा होयां पंचनाम देवता !!
सिमन्या, नमस्कार :)
सर्व प्रथम पितरों तै करीक स्मरण, ग्राम देवता कु करदू नमन.
सब्भु तै मेरु प्रणाम अर खासकर मेरा उत्तराखंडी, भैजी भुल्ला, नाता रिश्तेदार, गैल्या दगड़ी, दीदी भुली, बुड़ा बुडी, मामा मामी, काका काकी अर सगा संबंधियों तै मेरी सेवा सौई.
मैसणी बड़ी ख़ुशी छ कि मै अपड़ा उत्तराखंडी गैल्यो जूं सणी गढ़वाली बोलन नि औंद छ, त्यों कि खातिर "गढ़वाली सीखा" ब्लॉग द्वारा थोड़ा प्रयास करलू.
हम सब सणी अपड़ा गढ़वाल कि संस्कृति, सभ्यता, अपड़ी बोली अपड़ी भाषा का बारा मा जानकारी जरूर होण चैन्दी.
म्यार ब्लॉग बीटिं सिर्फ आप तै गढ़वाली ही सिखणक नि मिल्ली, यख आप तै म्यार प्यारा उत्तराखण्ड का बारा मा पूरी जानकारी, उत्तराखण्ड का गीत संगीत, सभ्यता अर संस्कृति, बोल चाल, घुमन फिरण कि जगहों का बारा मा ढेर सारी जानकारी मिलली.
त आवा म्यार "गढ़वाली सीखा" ब्लॉग अर थोड़ा भौत लेखा पड़ी अपड़ा खून, अपड़ी धरती, अपड़ा पित्रू कि जनम भूमि कि खातिर भी कर ल्या.
आपकी जाग म आपकु
जय सिंह रावत
आप मेरा दगड़ फून बिटीं भी बात कर सकदन.
+91 8287455143